Friday, February 24, 2017


        बंक्यारानी मंदिर
एक ऐसा मन्दिर जहाँ भुत भगाया जाता है


राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसिंद के नजदीक बंक्याराणी माता का मंदिर है।इस मंदिर में जाने के लिए 200 सीढ़ियां  छेड़नी पड़ती हैं।
इस मंदिर में भगाया जाता है भूत,
भुत को भगाने के लिए यहाँ रोजाना 300-400 यात्री आते है
 यहां हर शनिवार और रविवार को हजारों भक्तों के हुजूम के बीच 200-300 महिलाओं को ऐसी यातनाओं से गुजरना पड़ता है जिसे देखकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भूत से मुक्ति दिलाने के नाम पर यातनाएं, शरीर जख्मी हो जाता है कोहनियों से खून बहने लगता है


- बंक्याराणी माता मंदिर में होने वाले भोपा भूत भगाने वाले ओझा होते हैं।
मंदिर में घुसने से शुरू होती है कहानी

- कथित भूत-प्रेत से मुक्ति पाने की कहानी की शुरुआत भी मंदिर में घुसने के साथ ही शुरू हो जाती है। ऐसी महिलाओं को भोपा उलटे पांव 200 सीढ़िया चलाकर बंक्याराणी मंदिर में लेकर जाता है।
- नंगे पांव करीब3 -4घण्टे तक एक खंभे के चारों तरफ चक्कर लगवाए जाते हैं। मना करने पर भूत भगाने वाले भोपा इन्हें बुरी तरह से मारते-पीटते हैं।


पीठ और सिर के बल रेंगकर ये महिलाएं 200 सीढ़ियों से इसलिए नीचे उतरती हैं, ताकि इन्हें कथित भूत से मुक्ति मिल जाए। 
- सफेद संगमरमर की सीढ़ियां गर्मी में भट्‌टी की तरह गर्म हो जाती हैं। कपड़े पानी-पानी हो जाते हैं। शरीर जख्मी हो जाता है। सिर और कोहनियों से खून तक बहने लगता है।
- किस्सा यहीं खत्म नहीं होता। महिलाओं को चमड़े के जूतों से मारा जाता है। 
- पूरे वक्त ज्यादातर महिलाएं चीख-चीखकर ये कहती हैं कि उन पर भूत-प्रेत का साया नहीं,  लेकिन किसी पर कोई असर नहीं होता। छह-सात घंटे तक महिलाओं को भोपावो की यातनाये सहनी पड़ती हैं।

- मन्दिर परिसर में ज्वालामाता मंदिर में महिला के मुंह में एक जूता ठूंसा जाता है और एक सिर पर रखकर दो किलोमीटर दूर हनुमान मंदिर तक भोपा लेकर जाता है।
- इस दौरान भोपा साथ रहता है। महिला को बिना रुके चलना पड़ता है। यदि वो रुक जाए तो भोपा उसकी पिटाई करता है।
- हनुमान मंदिर में बने एक कुंड में महिला को भोपा स्नान करने का आदेश देता है। इस कुंड में दिन भर में करीब 300 महिलाएं स्नान करती हैं।
- कुंड का पानी इतना गंदा होता है कि देख भी नही सकते,हाथ धोना तोह दूर की बात है। लेकिन यही पानी महिला को चमड़े के जूते में लेकर पीना पड़ता है। वो भी एक-दो बार नहीं, बल्कि पूरे 7 बार पिलाया जाता है।
- भोपा यह ध्यान रखता है कि महिला पानी पी रही है या नहीं। यदि नहीं पीती है तो जबरदस्ती मार के पिलाया जाता है

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